होली पर बाल गीत
होली पर बाल गीत
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होली का रंगो वाला पर्व है आया।
जो बच्चों के मन बहुत है भाया ।।
रंग बिरंगे खुश्बू के रंग मंगाते।
और तरह-तरह कि पिचकारी लाते।।
गली-गली में होली हें खेलें।
टोली बना -बना कर रंग हे डालें।।
आपस में हे सब गले मिले ।
भेदभाव को छोड़, और शिकवे गिले।।
अबीर और गुलाल उड़ाते हैं वो।
सबको तिलक लगाते हैं वो।।
भर पिचकारी सबको रंग हे डालते।
कोई उनको रंगने आये तो हैं भागते।।
हाथ किसी के बच्चे नहीं आते।
सभी बड़ो पर रंग हे डालते।।
लाल नीले,पीले,हरे सभी के चेहरे होते।
सतरंगी रंगों से रंगे चेहरे,
पहचाने नहीं जाते।।
सभी बड़ों के जाकर छूवें वो पैर।
आशीष मिले सभी का,
हट जावे वैर।।
सुषमा सिंह उर्मि,,