होली पर दोहे
होली के हुड़दंग में,नाचो पीकर भंग।
लाल पीले गुलाल से,नाचो गोरी संग।।
गोरी के गालों पर,मलता साजन रंग।
रंग लगाते हि गोरी,हो गई है बदरंग।।
टेसू फूले डाल पर,ये होली के गीत।
सरसो पीली बिछ गई,आन मिलो मनमीत।।
चुनरी धानी पहन कर,निकली गोरी आज।
पता नही किस पर गिरे,इन नयनों की गाज।।
होली के हुड़दंग में,देवर का हो संग।
देख भैया होली में,कैसा आता रंग।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम