Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Mar 2022 · 1 min read

होली पर जीजा साली का वार्तालाप

साली बोली जीजा से,होली पर इस बार।
देना मुझको होली पर,सुंदर सा उपहार।।
सुंदर सा उपहार,देना फूलो का गुलदस्ता।
जीवन मेरा सुखी रहे,कभी न हो खस्ता।
कह रस्तोगी कविराय,होगा वचन न खाली।
माली से तेरी शादी करा दूंगा,सुन मेरी साली।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

2 Likes · 1 Comment · 493 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
निगाहें प्यार की ऊंची हैं सब दुवाओं से,
निगाहें प्यार की ऊंची हैं सब दुवाओं से,
TAMANNA BILASPURI
मैं उसकी निग़हबानी का ऐसा शिकार हूँ
मैं उसकी निग़हबानी का ऐसा शिकार हूँ
Shweta Soni
...
...
*प्रणय*
"बचपन"
Dr. Kishan tandon kranti
*वंदन शासक रामपुर, कल्बे अली उदार (कुंडलिया)*
*वंदन शासक रामपुर, कल्बे अली उदार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
Rj Anand Prajapati
భారత దేశ వీరుల్లారా
భారత దేశ వీరుల్లారా
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
तौबा- तौबा  आजकल,
तौबा- तौबा आजकल,
sushil sarna
4042.💐 *पूर्णिका* 💐
4042.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
6. *माता-पिता*
6. *माता-पिता*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
विषय : बाढ़
विषय : बाढ़
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
तेरे दरबार आया हूँ
तेरे दरबार आया हूँ
Basant Bhagawan Roy
हर हालात में अपने जुबाँ पर, रहता वन्देमातरम् .... !
हर हालात में अपने जुबाँ पर, रहता वन्देमातरम् .... !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
वादे करके शपथें खा के
वादे करके शपथें खा के
Dhirendra Singh
नज़र नहीं आते
नज़र नहीं आते
surenderpal vaidya
मेरी हस्ती
मेरी हस्ती
Shyam Sundar Subramanian
**कुछ तो कहो**
**कुछ तो कहो**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
एक
एक "सहेली" एक "पहेली"
विशाल शुक्ल
इल्म
इल्म
Bodhisatva kastooriya
आचार्य पंडित राम चन्द्र शुक्ल
आचार्य पंडित राम चन्द्र शुक्ल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ज़हर क्यों पी लिया
ज़हर क्यों पी लिया
Surinder blackpen
जब तुम नहीं कुछ माॅंगते हो तो ज़िंदगी बहुत कुछ दे जाती है।
जब तुम नहीं कुछ माॅंगते हो तो ज़िंदगी बहुत कुछ दे जाती है।
Ajit Kumar "Karn"
बात मेरे मन की
बात मेरे मन की
Sûrëkhâ
कुछ करा जाये
कुछ करा जाये
Dr. Rajeev Jain
ସେହି କୁକୁର
ସେହି କୁକୁର
Otteri Selvakumar
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शाम उषा की लाली
शाम उषा की लाली
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हार नहीं मानेंगे, यूं अबाद रहेंगे,
हार नहीं मानेंगे, यूं अबाद रहेंगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैं आत्मनिर्भर बनना चाहती हूं
मैं आत्मनिर्भर बनना चाहती हूं
Neeraj Agarwal
Loading...