होली के रंग
लाल गुलाबी चुंदडी ,नीली हरी बंधेज।
प्रीत रंग में खूब रँगी,पिया मोरा रंगरेज।।
होरी का त्यौहार है, छाई सब पर भंग।
होरी खेलन मैं गयी,मैं भी रह गई दंग।।
रंगों की बौछार में,इंद्रधनुषी रंग।
प्रिया प्रियतम खेल, रहे होरी संग।।
राधा ने ओढ़ी चुंदडी, कान्हा ने डालो रंग।
दोनों का वेश में देख कर रह गयी सखियां दंग।।
होरी खेलन मैं गयी ,रास बिहारी के संग।
रंग प्रीत को यो चढ़यो,रह गयी दुनियां दंग।।
संध्या चतुर्वेदी
मथुरा,उप