होरी में पिया ….
होरी में पिया ….
ऐसो डारो तूने रंग पिया
भीगी चूनर भीगी अंगिया
आग लगा गयो भीगो तन
बावरी भई मन की बगिया
आलिंगन तोसे फाग में
झंकृत उर प्रणय राग में
प्रीत रंग को भर भर घट
उढ़ेल डारो अनुराग में
उड़त गुलाल पात पात
केसरिया नहायो गात
फिरूँ लाज की मैं मारी
छेड़ो न सैंया मानो बात
बिसरी मोरी सुध सारी
मैं राधा तू मोरा मुरारी
जनम जनम मोहे वारो
ज्यूँ अधरन मुरली धारी
रेखांकन।रेखा