होना चाहिए
रंगी पुती सी सूरतों पर भी चढ़ी हैं सूरतें
आईना कह रहा हर इक के हाथ पांव होना चाहिए
गज़लें नहीं कहतीं पढ़ा जाना सुना जाना मगर
खामोश चीखों की जरा आवाज होना चाहिए
किस्से तुम्हारी जीत के सुनना हमें मंजूर है
मुश्किलों से भरी हार की भी बात होना चाहिए
गर आफताब नहीं तो चिराग होना चाहिए
टूटा-फूटा ही सही कोई ख्वाब होना चाहिए
आँगन की जमीं, छत का आसमान रहे न रहे
मां का साथ, वालिद का सिर पे हाथ होना चाहिए
07/09/19
Riya Gupta ‘Prahelika’