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23 May 2021 · 1 min read

होते बेटी कहेला बला आ गइल!!

दिनांक:- २३/०५/२०२२ (इतवार)
____________________________________
होत बेटी कहेला बला आ गइल।
मुंह बिगड़ल कहे जलजला आ गइल।

हे! विधाता बनवलऽ तू कइसन नियम,
बेटा पवते कहेला मजा आ गइल।

लोर टपकत सुता के रहे रात – दिन,
बाप – माई कहेला सजा आ गइल।

नीक नइखे जहां के दुलेखा नियम,
बेटियन के कहे बद्दुआ आ गइल।

लाज तनिको न लागेला महतारी के,
देख बेटा कहे हौसला आ गइल।

फर्क सुत व सुता में न तनिको करीं,
मान ली भाग्य लेके बड़ा आ गइल।

काल्हु कनिया खिअवलस सचिन सौख से,
देख बेटी कहे आपदा आ गइल।

✍️ पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’
मुसहरवा (मंशानगर)
पश्चिमी चम्पारण बिहार,

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