Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Dec 2022 · 1 min read

होती है कुछ निर्लज्ज सी लड़कियां

होती है कुछ निर्लज्ज सी लड़कियां
जो बंध कर नहीं रहना चाहती
गाय की तरह किसी खूंटे से
नहीं रुकना चाहती है
किसी के रोकने से
नहीं झुकना जानती ऐसी लड़कियां
जिनके जन्म के साथ ही
लोग कसने लगते है फब्तियां
जिसके जींस पहनने में
सुनाती है औरते
उसकी मां को ताने
और जिसकी लंबाई बढ़ते ही
रिश्तेदार ले कर आने लग जाते है
ब्याह के रिश्ते

होती है कुछ बेहया सी लड़कियां
जो सीख जाती है मोटर साइकिल चलाना
और खेलने लगती हैं फुटबॉल
करने लग जाती है बैंक में नौकरी
चलाने लगती हैं ट्रेन और हवाईजहाज
मायके और ससुराल से दूर
किसी अनजान शहर में अकेली रहती है
कुछ बेशर्म सी लड़कियां
अपनी अस्मिता का इल्म किए बिना
लड़ने चल पड़ती हैं सबसे
बंदूके तान कर देश की अस्मिता की रक्षा करती है
कुछ ऐसी लड़कियां
बेहया सी लड़कियां ……..अभिषेक राजहंस

Language: Hindi
82 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
न दोस्ती है किसी से न आशनाई है
न दोस्ती है किसी से न आशनाई है
Shivkumar Bilagrami
🪔🪔दीपमालिका सजाओ तुम।
🪔🪔दीपमालिका सजाओ तुम।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
"तेरे इश्क़ में"
Dr. Kishan tandon kranti
कुर्सी
कुर्सी
Bodhisatva kastooriya
परफेक्ट बनने के लिए सबसे पहले खुद में झांकना पड़ता है, स्वयं
परफेक्ट बनने के लिए सबसे पहले खुद में झांकना पड़ता है, स्वयं
Seema gupta,Alwar
ट्रेन दुर्घटना
ट्रेन दुर्घटना
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मोहब्बत का मेरी, उसने यूं भरोसा कर लिया।
मोहब्बत का मेरी, उसने यूं भरोसा कर लिया।
इ. प्रेम नवोदयन
तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे
तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे
कवि दीपक बवेजा
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रमेशराज के दो मुक्तक
रमेशराज के दो मुक्तक
कवि रमेशराज
तंग जिंदगी
तंग जिंदगी
लक्ष्मी सिंह
ख़याल
ख़याल
नन्दलाल सुथार "राही"
यही जीवन है
यही जीवन है
Otteri Selvakumar
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
Shekhar Chandra Mitra
कोई फाक़ो से मर गया होगा
कोई फाक़ो से मर गया होगा
Dr fauzia Naseem shad
दोस्त न बन सकी
दोस्त न बन सकी
Satish Srijan
आत्मा की आवाज
आत्मा की आवाज
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
माय
माय
Acharya Rama Nand Mandal
ईर्ष्या
ईर्ष्या
नूरफातिमा खातून नूरी
गौरवपूर्ण पापबोध
गौरवपूर्ण पापबोध
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जो समय सम्मुख हमारे आज है।
जो समय सम्मुख हमारे आज है।
surenderpal vaidya
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
अनिल कुमार
(*खुद से कुछ नया मिलन*)
(*खुद से कुछ नया मिलन*)
Vicky Purohit
नारी अस्मिता
नारी अस्मिता
Shyam Sundar Subramanian
मसीहा उतर आया है मीनारों पर
मसीहा उतर आया है मीनारों पर
Maroof aalam
ये तनहाई
ये तनहाई
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कुंडलिया - रंग
कुंडलिया - रंग
sushil sarna
मछली कब पीती है पानी,
मछली कब पीती है पानी,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
बोलो!... क्या मैं बोलूं...
बोलो!... क्या मैं बोलूं...
Santosh Soni
💐प्रेम कौतुक-457💐
💐प्रेम कौतुक-457💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...