होगा वही, जो आलाकमान चाहेगा
चीता
बाघ
शेर
बब्बर शेर
राजनीति के उछलते सितारे।
गीदड़
सियार
घोड़ा
गधा
राजनीति के फिसलते सितारे।
फर्क दोनों में कुछ भी नहीं है,क्योंकि
वक्त से बढ़कर दोनों भी कुछ नहीं है।
कौन डिब्बा जुड़ा, कौन छूटा
रेल के इंजन के ज्यूं फर्क नहीं पड़ने वाला
होगा वही, जो आलाकमान का मन चाहेगा
चाहे रोओ, चाहे हंसो,फर्क नहीं पड़ने वाला।