होगा नया सवेरा
माना आज सूर्यास्त हो रहा है
लेकिन इसका मतलब ये नहीं है
कि सबकुछ खत्म हो रहा है
ये तो बस एक पड़ाव है
जो आज पूरा हो रहा है
होगा नहीं सूर्यास्त तो
नया सवेरा कैसे हो पाएगा
बदलेगा नहीं कुछ अगर
जीवन हमारा नीरस हो जायेगा।।
ज़िंदगी है बस चार दिनों की
मानते है हम सभी
जीयेंगे चारों दिन खुशी से हम
होगी बेहतर ये तभी।।
एक दिन ही तो बीत रहा है आज
जीया है जिसको जीभर तुमने
है दुआ मेरी खुश रहे तू कल भी
दिखाना है ऐसे ही जीकर तुमने।।
जीवन में बहुत कुछ पाया है तुमने
अभी और भी आगे जाना है तुमको
गर तुम्हें होगी कभी ज़रूरत हमारी
है वादा हमेशा, साथ ही पाओगे हमको।।
कुछ लोग बिछड़ जायेंगे जीवन से अब
आने वाला दिन माना होगा हमारे बिन
जैसा रहा ये दिन जो बीत रहा है आज
उससे भी बेहतर हो आपका आने वाला दिन।।
खुशियां मिले, रहे स्वास्थ्य उत्तम
सदा आबाद रहे परिवार तुम्हारा
है बस यही दुआ आखिर में मेरी
नए दिन में ऐसा हो संसार तुम्हारा।।