होकर उल्लू पर सवार
#दिनांक:-10/11/2023
#शीर्षक:-होकर उल्लू पर सवार।
होकर उल्लू पर सवार ,
माँ लक्ष्मी चलीं सबके द्वार।
यश धन की करती बरसात,
शीतल हवा मंद-मंद गाये मल्हार,
रजनी प्रहर सोने का रथ,
पालकी चांदी की धन की देवि हुई सवार ।
रिद्धि-सिद्धि के दाता ,
गणेश को ले संग साथ चली ,
खुशियों की टोकरी भरने,
कुबेर महाराज ,लक्ष्मी,
लगती सबको भली ।
धनतेरस का त्यौहार आया,
जीवन में शुभ-लाभ लेकर छाया ,
अमीरी-गरीबी का भेद मिटाकर,
जीवन में अपार खुशियॉं लाया।
बड़ों का सदा आशीर्वाद रहे,
धन की सदा होती बरसात रहे ,
दुख ,विपत्ति ,दुर्गुण रहे दूर,
माँ लक्ष्मी का घर में निवास रहे ।
रचना मौलिक और स्वरचित है।
प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”
चेन्नई