*हों पितर जहॉं भी सद्गति की, इच्छा हम आठों याम करें (राधेश्य
हों पितर जहॉं भी सद्गति की, इच्छा हम आठों याम करें (राधेश्यामी छंद )
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हों पितर जहॉं भी सद्गति की, इच्छा हम आठों याम करें
उनकी पावन स्मृति को हम, श्रद्धा से नित्य प्रणाम करें
शुचि देवलोक हो परम भव्य, वह वर्ष हजारों रहें जहॉं
हमको अपने आशीषों से, वह मधुर वचन ही कहें जहॉं
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451