है स्वर्ग यहीं
जो कहना चाहते हो
बेझिझक कहिए
दिल के गुबार बाहर
निकालते रहिए
क्या मिल जायेगा यूं
घुट घुटकर जीने में
कहकर अपने दिल की बात
बस सुकून से रहिए
है स्वर्ग तो यहीं पर
स्वर्ग की सीढ़ी क्यों ढूंढना
क्यों भूल गया है तू
वो मां का आंचल ढूंढना
स्वर्ग में ऐसी अनुभूति कहां
मिलती खेलकर मिट्टी में जो
रह जाओगे वंचित उन रंगों से
दिखते दिलों के मिलने से जो
आसान राहों पर चलना अब
तेरी आदत रही नहीं
जाओगे स्वर्ग तो वहां तुम्हारे लिए
रहेगी कोई चुनौती नहीं
राह में जबतक न हो उतार चढ़ाव
नीरस हो जाता है वो सफ़र
स्वर्ग मिल जायेगा तुम्हें यहीं पर
ढूंढ लो एक प्यारा सा हमसफ़र
प्रभु भी आते हैं स्वर्ग से धरा पर
क्योंकि राधा का प्रेम मिलता है सिर्फ यहीं
रहते होंगे देवता स्वर्ग में आनंद से
लेकिन मां का प्यार मिलता है सिर्फ़ यहीं।