है! भगवान तुम वरदान दो
हे!भगवान तुम वरदान दो
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हे ! भगवान तुम वरदान दो,
सुख-शांति अमूल्य दान दो।
हम जन तो हैं बहुत अज्ञानी,
तेरी महिमा हमने जानी,
भर-भर भंडार तुम ज्ञान दो।
हे ! भगवान तुम वरदान दो।
ईश्वर का मन में वास हो,
तिरे दर पर खुश हर दास हो,
बुद्धि-शुद्धि करो संज्ञान दो।
हे ! भगवान तुम वरदान दो।
तू ही तू जन-गण-मन छाया,
जो कुछ मांगा तुमसे पाया,
हमें मानव की पहचान दो।
हे ! भगवान तुम वरदान दो।
हम सब तो गलती के पुतले,
हर दम हम पटरी से उतरे,
शीतल नजरों भरा ध्यान दो।
हे ! भगवान तुम वरदान दो।
मनसीरत दर – दर है भटका,
आ कर तेरे दर पर अटका,
भक्ति-शक्ति भरी मुस्कान दो।
है ! भगवान तुम वरदान दो।
हे ! भगवान तुम वरदान दो।
सुख-शांति अमूल्य दान दो।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)