Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2017 · 1 min read

है न यह धरती..सब से ज्यादा गोल

बीती हुई रात में न जाने कितने चले गए
बीती हुई रात में न जाने कितने पैदा हुए
यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा रोज
यह पढ़कर कई दिन में ही बेहोश हो गए !!

यह खबर नहीं छपी थी यहाँ समाचारों में
यह तो आता रहता है रोजाना विचारों में
कल का सूरज देखें गे या नहीं देखने गे
यह सोच कर न घबराना इन विचारों से !!

यह दुनिया गोल नहीं , यह धरती बस गोल है
यहाँ किसी का नहीं चलता कुछ भी अपना मोल है
यहाँ हम सोते हैं, दुनिया में न जाने कितने खोते हैं
इस भ्रम में बस चलती जाती है ,क्यों की धरती गोल है !!

रात को किया व्यापार पूरा, चल दिया घर की और
रात में आये चोर , और नहीं छोड़ा उस के लिए कुछ और
हमने अपना काम किया, चोरों ने अपना काम अंजाम दिया
अब बता दो मेरे यारो , है न यह धरती..सब से ज्यादा गोल !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
254 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all

You may also like these posts

4259.💐 *पूर्णिका* 💐
4259.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
হরির গান (হরিকে নিয়ে লেখা গান)
হরির গান (হরিকে নিয়ে লেখা গান)
Arghyadeep Chakraborty
- इश्क से तुम दूर रहो -
- इश्क से तुम दूर रहो -
bharat gehlot
!!
!! "सुविचार" !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
हब्स के बढ़ते हीं बारिश की दुआ माँगते हैं
हब्स के बढ़ते हीं बारिश की दुआ माँगते हैं
Shweta Soni
मरने के बाद करेंगे आराम
मरने के बाद करेंगे आराम
Keshav kishor Kumar
बुझदिल
बुझदिल
Dr.Pratibha Prakash
वो न जाने कहाँ तक मुझको आजमाएंगे
वो न जाने कहाँ तक मुझको आजमाएंगे
VINOD CHAUHAN
देखा
देखा
sushil sarna
#शुभ_प्रतिपदा
#शुभ_प्रतिपदा
*प्रणय*
ಬನಾನ ಪೂರಿ
ಬನಾನ ಪೂರಿ
Venkatesh A S
छठपूजा
छठपूजा
Sudhir srivastava
आस्था का घर
आस्था का घर
Chitra Bisht
Ladkiyon ki adayein
Ladkiyon ki adayein
anurag Azamgarh
वो अनुराग अनमोल एहसास
वो अनुराग अनमोल एहसास
Seema gupta,Alwar
ख़ामोश सा शहर
ख़ामोश सा शहर
हिमांशु Kulshrestha
तब तात तेरा कहलाऊँगा
तब तात तेरा कहलाऊँगा
Akash Yadav
जिंदगी और आसू
जिंदगी और आसू
पूर्वार्थ
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
किताब का आखिरी पन्ना
किताब का आखिरी पन्ना
Dr. Kishan tandon kranti
हमने ये शराब जब भी पी है,
हमने ये शराब जब भी पी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वजह.तुम हो गये
वजह.तुम हो गये
Sonu sugandh
इक्षाएं
इक्षाएं
शिवम राव मणि
आत्महत्या
आत्महत्या
आकांक्षा राय
मेरा आसमां 🥰
मेरा आसमां 🥰
DR ARUN KUMAR SHASTRI
स्वार्थ
स्वार्थ
Neeraj Agarwal
वर्षा के दिन आए
वर्षा के दिन आए
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आदम का आदमी
आदम का आदमी
आनन्द मिश्र
अम्न का पाठ वो पढ़ाते हैं
अम्न का पाठ वो पढ़ाते हैं
अरशद रसूल बदायूंनी
स्वयं का स्वयं पर
स्वयं का स्वयं पर
©️ दामिनी नारायण सिंह
Loading...