Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Nov 2024 · 1 min read

है नयन में आस प्यासी।

है नयन में आस प्यासी।
छा गयी गहरी उदासी।
इस अमावस रात में भी-
कर रहे किसकी तलाशी।।
लक्ष्मी सिंह

47 Views
Books from लक्ष्मी सिंह
View all

You may also like these posts

कौन सा रास्ता अपनाओगे,
कौन सा रास्ता अपनाओगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आत्म यात्रा सत्य की खोज
आत्म यात्रा सत्य की खोज
Ritu Asooja
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
विजया घनाक्षरी
विजया घनाक्षरी
Godambari Negi
आँसू
आँसू
शशि कांत श्रीवास्तव
आपका अनुरोध स्वागत है। यहां एक कविता है जो आपके देश की हवा क
आपका अनुरोध स्वागत है। यहां एक कविता है जो आपके देश की हवा क
कार्तिक नितिन शर्मा
नकाब ....
नकाब ....
sushil sarna
मैं हूँ के मैं अब खुद अपने ही दस्तरस में नहीं हूँ
मैं हूँ के मैं अब खुद अपने ही दस्तरस में नहीं हूँ
'अशांत' शेखर
■ लिख कर रख लो। 👍
■ लिख कर रख लो। 👍
*प्रणय*
जब मायके से जाती हैं परदेश बेटियाँ
जब मायके से जाती हैं परदेश बेटियाँ
Dr Archana Gupta
"किसे कहूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
गोलियों की चल रही बौछार देखो।
गोलियों की चल रही बौछार देखो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*बात सही है खाली हाथों, दुनिया से सब जाऍंगे (हिंदी गजल)*
*बात सही है खाली हाथों, दुनिया से सब जाऍंगे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
कसूरवान
कसूरवान
Sakhi
तमाशा
तमाशा
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
आज की नारी
आज की नारी
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
21. Life
21. Life
Santosh Khanna (world record holder)
सोचना नहीं कि तुमको भूल गया मैं
सोचना नहीं कि तुमको भूल गया मैं
gurudeenverma198
हमको बच्चा रहने दो।
हमको बच्चा रहने दो।
Manju Singh
छन-छन के आ रही है जो बर्गे-शजर से धूप
छन-छन के आ रही है जो बर्गे-शजर से धूप
Sarfaraz Ahmed Aasee
जीवन और रोटी (नील पदम् के दोहे)
जीवन और रोटी (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
Untold
Untold
Vedha Singh
सारथी
सारथी
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
गुलामी के कारण
गुलामी के कारण
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
दर्द
दर्द
Ashwini sharma
ग़ज़ल _ आख़िरी आख़िरी रात हो ।
ग़ज़ल _ आख़िरी आख़िरी रात हो ।
Neelofar Khan
अंधकार मिट जाएगा
अंधकार मिट जाएगा
श्रीकृष्ण शुक्ल
मधुमास
मधुमास
Kanchan verma
प्रेम की मर्यादा
प्रेम की मर्यादा
singh kunwar sarvendra vikram
कोहरे की घनी चादर तले, कुछ सपनों की गर्माहट है।
कोहरे की घनी चादर तले, कुछ सपनों की गर्माहट है।
Manisha Manjari
Loading...