है जरूरत बस हमें, कुछ प्यार कुछ उपकार की।
गजल
क्या कहें हालत है कैसी, इस समय संसार की,
है जरूरत बस हमें, कुछ प्यार कुछ उपकार की।
जिंदगी जिंदा दिली से, बस युँ ही चलती रहे,
क्या जरूरत है हमें, फिर और धन भंडार की।
कुछ भी कितना भी कमा लो, आप अपनो के लिए,
आपको होगी जरूरत, एक दिन बस प्यार की।
माँ बहन बेटी पे डाले, गर कोई मैली नजर,
टांग दो सूली उसे, अति हो गई व्यभिचार की।
प्रेम सागर मे उतरना, चाहते प्रेमी अगर,
आपको बेशक जरूरत, प्रेम के पतवार की।
……प्रेमी