Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Sep 2021 · 1 min read

गुमान किस बात का

न आए थे कुछ लेकर
न जायेंगे कुछ लेकर
जायेंगे सब छोड़कर यहीं
फिर भी हमें गुमान है
जाने किस बात को लेकर।।

जहां जाना है हमको
वहीं तुम भी जा रहे हो
फर्क बस इतना है हम बस से
और तुम कार से जा रहे हो।।

जी रहे है सब अपना जीवन
तुम भी वही जी रहे हो
सुबह उठना, दिन में काम
करना और रात को सोना,
हमारी तरह यही कर रहे हो।।

न जाने गुमान है तुम्हें
फिर किस बात का
जो खुद को अलग समझते हो
जो थे दोस्त तुम्हारे, अब
उनसे भी कटे कटे से रहते हो।।

पैसे है अब ज्यादा पास
यही बदलाव तो आया है
हो गए हो तुम बहुत बड़े
तुमको यही समझ आया है।।

ये धन तो जा भी सकता है
वक्त का पता नहीं चलता
अपनापन खत्म हो जाए एकबार
तो वो दोबारा नहीं पलता।।

फिर धन का कैसा गुमान
जो इंसान को इंसान भी न समझे
छोड़कर सब रिश्ते नातों को
दोस्तों के जज़्बात भी न समझे।।

हो अमीर या कोई गरीब
जाने को बस चार कंधे चाहिए
पैसा तो रह जायेगा यहीं पर
इतना तो हमको समझना चाहिए।।

Language: Hindi
10 Likes · 1 Comment · 792 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
View all
You may also like:
समय के हाथ पर ...
समय के हाथ पर ...
sushil sarna
भ्रम अच्छा है
भ्रम अच्छा है
Vandna Thakur
नेता जी
नेता जी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
Are you strong enough to cry?
Are you strong enough to cry?
पूर्वार्थ
"मंजिल"
Dr. Kishan tandon kranti
विषय – आत्मविश्वास और आत्ममुग्धता में अंतर
विषय – आत्मविश्वास और आत्ममुग्धता में अंतर
Sonam Puneet Dubey
बैठी थी मैं सजन सँग कुछ कह के मुस्कुराए ,
बैठी थी मैं सजन सँग कुछ कह के मुस्कुराए ,
Neelofar Khan
ऐसा कभी क्या किया है किसी ने
ऐसा कभी क्या किया है किसी ने
gurudeenverma198
? ,,,,,,,,?
? ,,,,,,,,?
शेखर सिंह
अपने ग़मों को लेकर कहीं और न जाया जाए।
अपने ग़मों को लेकर कहीं और न जाया जाए।
Harminder Kaur
शायरी
शायरी
Pushpraj devhare
"सन्त रविदास जयन्ती" 24/02/2024 पर विशेष ...
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
रमेशराज के त्योहार एवं अवसरविशेष के बालगीत
रमेशराज के त्योहार एवं अवसरविशेष के बालगीत
कवि रमेशराज
बात बस कोशिशों की है
बात बस कोशिशों की है
Dr fauzia Naseem shad
#आज_का_आलेख
#आज_का_आलेख
*प्रणय प्रभात*
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
जब कभी आपसी बहस के बाद तुम्हें लगता हो,
जब कभी आपसी बहस के बाद तुम्हें लगता हो,
Ajit Kumar "Karn"
तेरी नज़र से बच के जाएं
तेरी नज़र से बच के जाएं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चौथापन
चौथापन
Sanjay ' शून्य'
4157.💐 *पूर्णिका* 💐
4157.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कॉलेज वाला प्यार
कॉलेज वाला प्यार
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
राजनीति के फंडे
राजनीति के फंडे
Shyam Sundar Subramanian
अवसर
अवसर
संजय कुमार संजू
कुपथ कपट भारी विपत🙏
कुपथ कपट भारी विपत🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आया पर्व पुनीत....
आया पर्व पुनीत....
डॉ.सीमा अग्रवाल
बेटियां देखती स्वप्न जो आज हैं।
बेटियां देखती स्वप्न जो आज हैं।
surenderpal vaidya
जिंदगी
जिंदगी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
खुल गया मैं आज सबके सामने
खुल गया मैं आज सबके सामने
Nazir Nazar
नाराज़गी भी हमने अपनो से जतायी
नाराज़गी भी हमने अपनो से जतायी
Ayushi Verma
नसीहत
नसीहत
Slok maurya "umang"
Loading...