है खुमारी अभी’ हम पर चढ़ी’ तरुणाई की
है खुमारी अभी’ हम पर चढ़ी’ तरुणाई की
इसलिये भाती’ हमें बात भी’ तन्हाई की
चाहिये साथ तुम्हारा हमें’ जीवन भर का
बात मत करना’ कभी तुम सुनो’ रुसवाई की
हम दिखा देंगे’बढ़ा आगे’ कदम भी देखो
पर जरूरत है’ हमें हौसला’ अफजाई की
हाथ में हाथ लिए साथ चलो गर तुम तो
हो न परवाह हमें अपनी’ भी’परछाई की
जब कहा तुमने’ युगों का ये’ हमारा बंधन
कान में गूंज उठी थी धुन शहनाई की
डूबकर इसमें’ निकलना ही’ बड़ा है मुश्किल
‘अर्चना’ बात बड़ी प्यार में’ गहराई की
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद (उ प्र )