— हैरान हूँ मैं —
देख देख कर रोज के जलवे
जीती जागती दुनिया के
न जाने क्यूं खौफ्फ़ में हैं लोग
जी रहे हिन्दू हिन्दू की बातों से !!
लगता है जैसे आज ही
हिन्दू को जीना आया है
नित नए तरीके से खोजता
न जाने किस का साया है !!
खुद की ताकत को पहचानना
भूल गया किस गफलत में
ढूंढ रहा है , सोच रहा है
मिल जाए साया किसी का
ताजा तरीन इस हालत में !!
जोश तेरे अंदर है अगर
तो तुझ को डर किस बात का है
कोई साथ दे या न दे तेरा यहाँ
तू भी तो बंदा उस राम का है !!
निडर बन , बेखौफ्फ़ बन के चल
मत डर किसी के खौफ्फ़ से
तेरे अंदर भी ताकत और जनून है
बढ़ता चल आगे पूरे जोश से !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ