हैपी दीवाली।
विष्णुपद छंद पर कलम….ई।
16 +10
पंक्ति पूँछ(पदांत) 112
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दीपमालिका के अवसर पर प्रेमिल दीप जले।
आलोकित हो हर पथ प्रियतम मन का तिमिर ढ़ले।
शूल बने सब फूल सुशोभित ,चम्पा गन्ध झरें।
मीत मिलन से मन मधुमय हो, तन सुरभित निखरें।
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****** मधुगौतम