#हे__प्रेम
#हे__प्रेम तहे दिल से क्षमा, माफ कर दे हमें
कैसे मैं अपनी व्यथा कहूं……रोना आता हमें
तू रूठ जाना, मुंह फुलाना पर मुझे मत ललचाना
मुझे मत अपनाना अपने महक के सौंदर्यभव में
तू हुस्नपरी तू जिस्मपरी मैं रहा कूलटा कबारी
मेरे बदन कूढ़ है तेरे बदन खूबसूरत मखवाली
मुझे छोड़ देना क्योंकि मैं इसके काबिल नहीं
ये मुकद्दर,महफ़िल कोईऔर के है, मैं नहीं, मैं नहीं
चल ज़माना तू यहाँ नहीं तेरा कहीं और है ठिकाना
इस भव में मेरा सौंदर्य, मेरे महफ़िल का है ज़माना
तू रूपवती मोहबलिंडा का कलंक है, मैं निष्कलंक
तू ठहरा पापी कपटी मैं निर्मल स्वच्छन्द हृदयतपस्वी
वरुण सिंह गौतम
#VarunSinghGautam