Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jun 2023 · 1 min read

हे श्रेष्ठ युग सम्राट सृजन के

हे श्रेष्ठ युग सम्राट सृजन के
नमन अनेकों विराट कलम के….
लेखों के सुन्दर मधुवन में
सीखों के अनुपम उपवन में
मधुर विवेचन संचित बन के
नमन अनेकों विराट कलम के….
लोभ-दंभ की जहाँ है काई
ह्रदय में सबकी घृणा समाई
लिखे हजारों ग्रन्थ शुभम के
नमन अनेकों विराट कलम के….
तुलसी-सूर चाणक्य की महता
जिसने लिखा मन की मानवता
सत्य ही शिव है गहन लेखन के
नमन अनेकों विराट कलम के….
संवेदन बन जाये जन-जन
महके मुस्काए वो क्षण-क्षण
तंतु बिखर जाते बंधन के
नमन अनेकों विराट कलम के….
जाने कितने छंद सृजन के
कह देती है द्वन्द कथन के
नैन छलक पड़ते चिन्तन के
नमन अनेकों विराट कलम के….
भारती दास ✍️

107 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Bharti Das
View all

You may also like these posts

*जनता का वाहन कहो, रिक्शा जिंदाबाद (कुंडलिया)*
*जनता का वाहन कहो, रिक्शा जिंदाबाद (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
🍀 *गुरु चरणों की धूल*🍀
🍀 *गुरु चरणों की धूल*🍀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
वेदना
वेदना
AJAY AMITABH SUMAN
शंकरलाल द्विवेदी द्वारा लिखित एक मुक्तक काव्य
शंकरलाल द्विवेदी द्वारा लिखित एक मुक्तक काव्य
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
तुम आना ( भाग -२)
तुम आना ( भाग -२)
Dushyant Kumar Patel
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
फ़ुरसत
फ़ुरसत
Shashi Mahajan
बड़ा सुंदर समागम है, अयोध्या की रियासत में।
बड़ा सुंदर समागम है, अयोध्या की रियासत में।
जगदीश शर्मा सहज
उड़ान
उड़ान
Saraswati Bajpai
सत्य कड़वा नहीं होता अपितु
सत्य कड़वा नहीं होता अपितु
Gouri tiwari
राजे महाराजाओ की जागीर बदल दी हमने।
राजे महाराजाओ की जागीर बदल दी हमने।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
रिश्ते वहीं बनते है जहाँ विचार मिलते है
रिश्ते वहीं बनते है जहाँ विचार मिलते है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
भूलना
भूलना
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
कविता चोरों को सप्रेम भेंट
कविता चोरों को सप्रेम भेंट
अवध किशोर 'अवधू'
जो छिपाना चाहती थी तुमसे
जो छिपाना चाहती थी तुमसे
Dheerja Sharma
हाइकु - डी के निवातिया
हाइकु - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
दोहे . . . .
दोहे . . . .
sushil sarna
भूख से लोग
भूख से लोग
Dr fauzia Naseem shad
★मां ★
★मां ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
2963.*पूर्णिका*
2963.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
स्त्रियां, स्त्रियों को डस लेती हैं
स्त्रियां, स्त्रियों को डस लेती हैं
पूर्वार्थ
आईना मुझसे मेरी पहली सी सूरत  माँगे ।
आईना मुझसे मेरी पहली सी सूरत माँगे ।
Neelam Sharma
हिंदी दिवस पर एक आलेख
हिंदी दिवस पर एक आलेख
कवि रमेशराज
, गुज़रा इक ज़माना
, गुज़रा इक ज़माना
Surinder blackpen
चलो अब कुछ बेहतर ढूंढते हैं,
चलो अब कुछ बेहतर ढूंढते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रास्तों को भी गुमनाम राहों का पता नहीं था, फिर भी...
रास्तों को भी गुमनाम राहों का पता नहीं था, फिर भी...
manjula chauhan
"तालाब"
Dr. Kishan tandon kranti
वह हमारा गुरु है
वह हमारा गुरु है
gurudeenverma198
आगे हमेशा बढ़ें हम
आगे हमेशा बढ़ें हम
surenderpal vaidya
Loading...