Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2023 · 2 min read

#हे राम मेरे प्राण !

🚩। । ओ३म् । । 🚩

★ #हे राम मेरे प्राण ! ★

जय-जयकार रहे तेरी सदा
अयोध्या के राजा
करूं तेरे गुणों का गान मैं
तू आ कि न आ जा

करूं तेरे गुणों का गान मैं . . . . .

माँ जानकी की असीम कृपा
घर में क्लेश नहीं है
तू आये तो मैं धन्य-धन्य
न आये तो कुछ विशेष नहीं है
बच्चे थे अधिक भूखे
बेर कोई अब शेष नहीं है

मेरे मन के भावों का यदि
जंचे तो भोग लगा जा
करूं तेरे गुणों का गान मैं . . . . .

भाग्य प्रबल नहीं था राजा दशरथ का
मिली न जो इक बेटी
बेटी है घर का ताज
समाज में होने न दे हेठी
वो कर्मों का फल था शूर्पणखा
सोने की लंका समेटी

महकता है मेरा परिवार-घर
बेटियों ने स्नेह से है साजा
करूं तेरे गुणों का गान मैं . . . . .

भरत जैसे अनुज मेरे
कहा कभी टालते नहीं
मेरे लव-कुश कभी भी मेरा
अश्व थामते नहीं
बहुत दूर अयोध्या अभी विश्राम करो
हँस देते हैं बालक मानते नहीं

म्लेछ मरणहार छोड़ सभी
करते हैं मेरे काजा
करूं तेरे गुणों का गान मैं . . . . .

नराधमों के दुराचार से अब
नार कोई शिला नहीं होती
करे तुरन्त अग्निस्नान कहीं
मिल जाए धरती पे सोती
बहुतेरी यहाँ जी रहीं – विष पी रहीं
जीवन-नर्क को ढोती

न विधान यहाँ अपना रहा
न मन से स्वदेशी हैं राजा
करूं तेरे गुणों का गान मैं . . . . .

तू आए तो भरत को दिखाना
बिन तेरे क्या अनर्थ हुआ है
लक्ष्मण की सेवा-त्याग
उर्मिला का तप व्यर्थ हुआ है
मची है मारकाट यहाँ
जनसेवा का क्या अर्थ हुआ है

इक राजा की प्रजा थे तब
अब हर मोड़ पे राजा
करूं तेरे गुणों का गान मैं . . . . .

हे राम मेरे प्राण तेरे बिन
मेरा कौन ठिकाना
हे हरि कौन हरे दु:ख
भरे सुख का खज़ाना
हनुमंत को लाना साथ में
रजतकेशी जाम्बवंत बुलाना

वही कहेंगे उड़कर वत्स
कुकर्मों की लंका पर छा जा
करूं तेरे गुणों का गान मैं . . . . .

तू आए तेरा स्वागत किंतु
अयोध्या मत आना
अपनों ने तेरे ढहा दिया
तेरा घर वो पुराना
वो भोग रहे राजसुख और तू
आकाश तले छहों ऋतुएं बिताना

बेच खाये धर्म पाखंडी
अब शेष नहीं लाजा
करूं तेरे गुणों का गान मैं . . . . . !

(जब अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि मंदिर को विवादित ढांचा कहकर गिरा दिया गया तभी. . .!)

#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२

Language: Hindi
98 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*दो दिन फूल खिला डाली पर, मुस्काकर मुरझाया (गीत)*
*दो दिन फूल खिला डाली पर, मुस्काकर मुरझाया (गीत)*
Ravi Prakash
क्या ईसा भारत आये थे?
क्या ईसा भारत आये थे?
कवि रमेशराज
दरख़्त
दरख़्त
Dr. Kishan tandon kranti
पीड़ादायक होता है
पीड़ादायक होता है
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
करवाचौथ
करवाचौथ
Satish Srijan
जरुरी है बहुत जिंदगी में इश्क मगर,
जरुरी है बहुत जिंदगी में इश्क मगर,
शेखर सिंह
होने को अब जीवन की है शाम।
होने को अब जीवन की है शाम।
Anil Mishra Prahari
श्री श्याम भजन
श्री श्याम भजन
Khaimsingh Saini
वक्त के थपेड़ो ने जीना सीखा दिया
वक्त के थपेड़ो ने जीना सीखा दिया
Pramila sultan
शुभ रात्रि मित्रों
शुभ रात्रि मित्रों
आर.एस. 'प्रीतम'
"मां की ममता"
Pushpraj Anant
रहस्य-दर्शन
रहस्य-दर्शन
Mahender Singh
दोहा त्रयी. . . . .
दोहा त्रयी. . . . .
sushil sarna
चेहरे पे लगा उनके अभी..
चेहरे पे लगा उनके अभी..
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
* वक्त  ही वक्त  तन में रक्त था *
* वक्त ही वक्त तन में रक्त था *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जिन्दगी परिणाम कम परीक्षा ज्यादा लेती है,खुशियों से खेलती बह
जिन्दगी परिणाम कम परीक्षा ज्यादा लेती है,खुशियों से खेलती बह
पूर्वार्थ
मैं खाना खाकर तुमसे चैट करूँगा ।
मैं खाना खाकर तुमसे चैट करूँगा ।
Dr. Man Mohan Krishna
।।
।।
*प्रणय प्रभात*
3230.*पूर्णिका*
3230.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*प्रेम कविताएं*
*प्रेम कविताएं*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
आवाज मन की
आवाज मन की
Pratibha Pandey
नया दिन
नया दिन
Vandna Thakur
मैं हूं न ....@
मैं हूं न ....@
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
पिता
पिता
Mamta Rani
दुखड़े   छुपाकर  आ  गया।
दुखड़े छुपाकर आ गया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
चित्र आधारित दो कुंडलियाँ
चित्र आधारित दो कुंडलियाँ
गुमनाम 'बाबा'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
जरूरत से ज्यादा मुहब्बत
जरूरत से ज्यादा मुहब्बत
shabina. Naaz
राजस्थानी भाषा में
राजस्थानी भाषा में
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
वो नौजवान राष्ट्रधर्म के लिए अड़ा रहा !
वो नौजवान राष्ट्रधर्म के लिए अड़ा रहा !
जगदीश शर्मा सहज
Loading...