Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Mar 2021 · 1 min read

हे रघुनाथ घट घट के वासी

हे रघुनंदन दशरथ नंदन, हे रघुनाथ घट घट के वासी,
राम लला तेरे दरस को तरसे, हम सभी भारत वासी।

सदियों बाद अब पूर्ण हुआ, भारत का जो सपना था,
अवध नगर में राम लला का, पूर्ण रूपेण स्थापना था।
अपने भारत देश में रहकर, हम बने हुए थे वनवासी,
राम लला तेरे दरस को तरसे, हम सभी भारत वासी।

सीता मैया को हरकर, जो अपने अभिमान में ऐंठा था,
चंद्रहास शक्ति के बल पर, लंका में छुपकर बैठा था।
उसी तरह रावण बने बैठे, हैं अपने देश के कुछ वासी,
राम लला तेरे दरस को तरसे, हम सभी भारत वासी।

लगता है अपने भारत में, राम राज्य फिर से आयेगा,
रघुकुल शिरोमणि का अब, वनवास खत्म हो जायेगा।
लौटकर आयेंगे प्रभु, अब अपनी अयोध्या नगरी में,
सदियों बाद भारत देश में, सनातन धर्म मुस्कुरायेगा।

उठो जागो हे भारत वासी, अब वक़्त नहीं है सोने का,
अपने देश की बागडोर, अब भूलकर भी नहीं खोने का।
मंथरा की टोली है देश में, जो तेरे गुलामी की है प्यासी,
राम लला तेरे दरस को तरसे, हम सभी भारत वासी।

हे रघुनंदन दशरथ नंदन, हे रघुनाथ घट घट के वासी,
राम लला तेरे दरस को तरसे, हम सभी भारत वासी।

?? मधुकर ??

(स्वरचित रचना, सर्वाधिकार©® सुरक्षित)
अनिल प्रसाद सिन्हा ‘मधुकर’
ट्यूब्स कॉलोनी बारीडीह,
जमशेदपुर, झारखण्ड।
e-mail: anilpd123@gmail.com

Language: Hindi
1 Like · 434 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
संवेदनापूर्ण जीवन हो जिनका 🌷
संवेदनापूर्ण जीवन हो जिनका 🌷
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
साहित्य सत्य और न्याय का मार्ग प्रशस्त करता है।
साहित्य सत्य और न्याय का मार्ग प्रशस्त करता है।
पंकज कुमार कर्ण
बांस के जंगल में
बांस के जंगल में
Otteri Selvakumar
जमाना है
जमाना है
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
*शूल  फ़ूलों  बिना बिखर जाएँगे*
*शूल फ़ूलों बिना बिखर जाएँगे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ज़िंदगी हर पल गुज़र रही है
ज़िंदगी हर पल गुज़र रही है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सैनिक की पत्नी की मल्हार
सैनिक की पत्नी की मल्हार
Dr.Pratibha Prakash
*क्या कर लेगा इंद्र जब, खुद पर निर्भर लोग (कुंडलिया)*
*क्या कर लेगा इंद्र जब, खुद पर निर्भर लोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कबूतर इस जमाने में कहां अब पाले जाते हैं
कबूतर इस जमाने में कहां अब पाले जाते हैं
अरशद रसूल बदायूंनी
लगाव
लगाव
Arvina
राम से बड़ा राम का नाम
राम से बड़ा राम का नाम
Anil chobisa
कविता - छत्रछाया
कविता - छत्रछाया
Vibha Jain
जरूरत दोस्त की,समय पर होती है ।
जरूरत दोस्त की,समय पर होती है ।
Rajesh vyas
पावस की ऐसी रैन सखी
पावस की ऐसी रैन सखी
लक्ष्मी सिंह
We just dream to  be rich
We just dream to be rich
Bhupendra Rawat
3646.💐 *पूर्णिका* 💐
3646.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
🙏प्रथम पूज्य विघ्न हर्ता 🙏
🙏प्रथम पूज्य विघ्न हर्ता 🙏
umesh mehra
जीने का एक अच्छा सा जज़्बा मिला मुझे
जीने का एक अच्छा सा जज़्बा मिला मुझे
अंसार एटवी
25)”हिन्दी भाषा”
25)”हिन्दी भाषा”
Sapna Arora
"ग़ौरतलब"
Dr. Kishan tandon kranti
वो इश्क जो कभी किसी ने न किया होगा
वो इश्क जो कभी किसी ने न किया होगा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
धड़कनें जो मेरी थम भी जाये तो,
धड़कनें जो मेरी थम भी जाये तो,
हिमांशु Kulshrestha
सफलता का मार्ग
सफलता का मार्ग
Praveen Sain
समझ
समझ
मधुसूदन गौतम
लेकर तुम्हारी तस्वीर साथ चलता हूँ
लेकर तुम्हारी तस्वीर साथ चलता हूँ
VINOD CHAUHAN
ख़्वाब तेरा, तेरा ख़्याल लिए,
ख़्वाब तेरा, तेरा ख़्याल लिए,
Dr fauzia Naseem shad
सपनों को दिल में लिए,
सपनों को दिल में लिए,
Yogendra Chaturwedi
गुजिश्ता साल तेरा हाथ, मेरे हाथ में था
गुजिश्ता साल तेरा हाथ, मेरे हाथ में था
Shweta Soni
■ दोहात्मक मंगलकामनाएं।
■ दोहात्मक मंगलकामनाएं।
*प्रणय*
हे ईश्वर
हे ईश्वर
Ashwani Kumar Jaiswal
Loading...