हे मातृभूमि के सजग प्रहरी, अमर तेरा प्राण हो
हे मातृभूमि के सजग प्रहरी, तेरा सदा कल्याण हो
भोर हो तेरी सुनहरी, और सुनहरी शाम हो
हे मातृभूमि के सजग प्रहरी, तेरा सदा कल्याण हो
हों तेरी राहें सुगम, मंजिलें आसान हों
छोड़ घर परिवार अपना, सेवा में निशदिन खड़े हो
सहकर धूप सर्दी और बारिश, सीमाओं पर डटे हो
हे मातृभूमि के सजग प्रहरी, तेरा सदा कल्याण हो
राह हो तेरी सुगम, और मंजिले आसान हों
नहीं है तुमसा धरा पर, वीर स्वाभिमानी कोई
हंसते-हंसते शीश दे दे, रहता नहीं है गम कोई
ऐसे वीरों के चरण में, शत-शत मेरा प्रणाम हो
हे मातृभूमि के सजग प्रहरी, तेरा सदा कल्याण हो
राह हो तेरी सुगम, मंजिलें आसान हों
रहे मस्तक सदा ऊंचा, अमर तेरा प्राण हो
तिरंगा फहराए जग में, जन गण मन सदा ही गान हो
हे मातृभूमि के सजग प्रहरी, तेरा सदा कल्याण हो
भोर हो तेरी सुनहरी, और सुनहरी शाम हो
जय हिंद
सुरेश कुमार चतुर्वेदी