हे मां वर दे
हे मां सरस्वती वर दे
विद्या से भूषित होकर
बुद्धि विकसित हो जाए
गुरू से पा के ज्ञान
मन की शुद्धी हो जाए
हे मां वीणावादिनी वर दे
वाणी मर्यादित रहे
नेत्र न देखें विकार
मन संयमित रहे
आयें पवित्र विचार
हे मां शारदे वर दे
हाथ लगें सद्कर्म मे
पैर करें तीर्थाटन
मन न दुखे किसी का
रहें प्रसन्न सभी जन
हे मां हंसवाहिनी वर दे
करूं सृजन मनभावन
बोलूं मीठी वाणी
पनपे प्रेम सभी के हित
सर्वदा आशीषें ज्ञानी
हे मां शुभ्रवस्त्रावता वर दे
बसंत पंचमी पर्व
धरा धन धान्य पूर्ण कर दे
वस्त्र बसंती पीताम्बर
मन को भी बासंती कर दे
हे मां श्वेत कमलासना वर दे
मौलिक
स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर
के बी राइटर्स साहित्यिक मंच द्वारा आयोजित प्रतियोगिता हेतु निर्णायक मंडल डा नीलिमा रंजन भोपाल, डा अमरेन्द्र कुमार वर्मा बाराबंकी एवं डा मीनू सिन्हा धनबाद द्वारा पुरस्कृत