हे माँ तूझे सलाम
जन्म लिया है
भारत भू पर हमने
कण कण में
बसी है सोन्धी सुगंध
हे भारत मा तूझे
कोटी कोटी है नमन
जन्म दिया है
माँ तूने
कण कण है
आभारी तेरा
हे माँ तूझे
कोटी कोटी है नमन
कण कण से बनी
ये सृष्टि
वायु जल
आकाश और धरती ने
दिया आधार
ऐसी है सृष्टि माँ तूझे
कोटी कोटी है नमन
कण कण
न्योछावर करता सैनिक
भारत माॅ की रक्षा में
अपने पथ से
डिगता नहीँ वो
ऐसे वीर जवानो को
कोटी कोटी है नमन
कण कण में
भगवान बसे हैं
धन्य है भारत भूमि
इसीके आँचल में
खेल कूद कर
बड़े हुऐ है हम बालक
ऐसी है माँ तूझे
कोटी कोटी है नमन
स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल