हे माँ अवनि
हे माँ अवनि! इस जग का
सब भार तुम्हारे ऊपर है
जीव -जन्तु, वनस्पतियों का
आधार तुम्हारे ऊपर है
खुशियाँ तुम बिन सम्भव ही नहीं
संसार तुम्हारे ऊपर है
तुम्हारे दिन पर क्या भेंट करें
हर उपहार तुम्हारे ऊपर है
-सिद्धार्थ गोरखपुरी
हे माँ अवनि! इस जग का
सब भार तुम्हारे ऊपर है
जीव -जन्तु, वनस्पतियों का
आधार तुम्हारे ऊपर है
खुशियाँ तुम बिन सम्भव ही नहीं
संसार तुम्हारे ऊपर है
तुम्हारे दिन पर क्या भेंट करें
हर उपहार तुम्हारे ऊपर है
-सिद्धार्थ गोरखपुरी