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14 Aug 2024 · 1 min read

हे बेटी…

हे बेटी….
तू नृत्य नहीं, संगीत नहीं,
तू साज नहीं ,श्रृंगार नहीं,
तू ना ही, मधुर , गीत कोई,
ना बन सहज तू, प्रीत कोई,

फूलों सी कोमलता छोड़,
कांटों सी चुभन को, सृजित कर।
सुरभी सी न तू, फैला कर जग में ,
विष बन कर अब, उतर उर में ।

अब कृष्ण ना कोई आवेगा
जो तेरी लाज बचाएगा ।
हे बेटी! तू चंडी बन, तू काली बन,
खड्ग उठा , शीश खंडित कर।

अब अश्रु नहीं हथियार तेरा,
विनती न कर, न गुहार लगा ।
मृत्यु से पहले न मर बेटी,
कायर ना तू बन बेटी।

उठ पूरी ताकत जूटा,
मार ठोकर, कर उसे अधमरा।
एक सशक्त प्रहार, तू कर बेटी,
मारने से पहले न मर बेटी..
मारने से पहले न मर बेटी😭

दुखित मन से🥺

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 163 Views
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