हे! प्रिय अशोक
हे! प्रिय अशोक
तुम्हें तो स्वर्ग मिला होगा
युद्ध त्यागने से,
तुम्हारी तो बातें होती होगी
देवताओं से;
उनसे कहो-
युद्धों ने धरती को
मलियामेट किया हुआ है-
जब तुम आदमी का लेख लिखते हो
तभी डिलीट कर दो
उसके भाग्य से
‘युद्धों का फोल्डर “।