हे परम पिता
हिंसा से आहत धरती पर, कराह रही मानवता
मानव ही मानव के खून का प्यासा, जाग रही दानवता
उठो बुद्ध करूणा बरसाओ, आन पड़ी आवश्यकता
हिंसा और अज्ञान मिटाओ, आन जगाओ समरसता
उठो गॉड को मानने वालों, प्रेम धरा पर वर्षाओ
उठोअल्लाह के मानने वालों, अमन धरा पर लाओ
इस्लाम का अर्थ है शांति, शांति धरा पर फैलाओ
हे निराकार परब्रह्म सदाशिव, मानव की आंखें खोलो
फैल रही हिंसा धरती पर, आन हलाहल पी लो
एक निरंकार इस जग का, परमपिता स्वामी है
ईश्वर अल्लाह गाड गुरु, नाम अनेक अनामी है
उठो बुद्ध हे महावीर, हे रामकृष्ण जागो जागो
प्रेम का अमृत वर्षाओ, हिंसा को त्यागो त्यागो
सुरेश कुमार चतुर्वेदी