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26 Jun 2024 · 1 min read

हे परमपिता मिले हमसफ़र जो हर इक सफ़र में भी साथ दे।

गज़ल

11212/11212/11212/11212
हे परमपिता मिले हमसफ़र जो हर इक सफ़र में भी साथ दे।
मेरा दोस्त बन के जो आए वो, मेरी रहगुज़र में भी साथ दे।

तेरी जिंदगी इक जंग है तुझे इतना समझना है लाज़मी,
तुझे चाहिए इक हाथ जो, तेरा हर समर में भी साथ दे।

लिखें प्यार की इक दास्तां, जो अमर हो सारे जहान में,
न वो जिंदगी में ही प्यार दे, वो मेरा कबर में भी साथ दे। ‌

जो हर इक खुशी गम में रहे, मेरे साथ में परछाई सा,
जो खुशी में हाथ बढ़ाए पर, जो मेरा कहर में भी साथ दे।

मुझे चाहिए इक प्रेमी जो, रहे हर समय इक दोस्त सा,
चाहे कंकड़ों से भरी रहे, मेरा उस डगर में भी मेरा साथ दे।

……….✍️ सत्य कुमार प्रेमी

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