हे धरती के पालनहार
देर भई बड़ी देर भई, देखो अब ना देर लगाओ,
हे धरती के पालनहार, अब अपना रूप दिखाओ।
ये कैसी महामारी है, जो हाथ धोकर पीछे पड़ी है,
बीच राहों में जो सुरसा की तरह, मुँह बाये खड़ी है।
हे पवनपुत्र करो उद्धार, सुरसा से जान बचाओ,
हे धरती के पालनहार, अब अपना रूप दिखाओ।
जब धरती पर बढ़ती संकट, हम तुझको ही पुकारे,
अपने भक्तों के दुख दूर करे, तू पल में उसे उबारे।
बीच भँवर ग्राह पैर मेरे खींचे, सुदर्शन चक्र चलाओ,
हे धरती के पालनहार, अब अपना रूप दिखाओ।
देर भई बड़ी देर भई, देखो अब ना देर लगाओ,
हे धरती के पालनहार, अब अपना रूप दिखाओ।
?? मधुकर ??
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अनिल प्रसाद सिन्हा ‘मधुकर’