हे गर्भवती !
हे गर्भवती ! तुम पार्वती, जिसने सारा संसार जना,
हे गर्भवती ! तुम भगवती, जिसमें सारा संसार बसा,
तेरे धैर्य और साहस से इस जग का निर्माण हुआ
तेरे तप और त्याग से ही देखो पत्थर भगवान हुआ
तुझसे हम साकार हुए, तुझसे ही यह जीवन पाया
तेरी ममता से राम, कृष्ण और शरवन भी तो तर पाया
तुम ईश तुल्य तुम मृदु हृदय, तुम से है जीवन की आशा
तुम हो अतुल्य तुम हो अनन्त, तुम से ही सबकी परिभाषा,
तेरे रक्त से संचित होकर हर जन फिर बलवान हुआ
तेरी करुणा के सागर से हम सबका हृदय धनवान हुआ
तूने हमको आकार दिया , तूने हमको साकार किया
तूने हर प्राण तत्व का भी, एक पल में उद्धार किया ।
!! आकाशवाणी !!