हे किसान तुझे मेरा प्रणाम।।?
हे किसान तुझे मेरा प्रणाम ?
तेरे पीछे है सारा आयाम
तुझी से है सुबह तुझी से शाम
है किसान तुझे मेरा प्रणाम ।।।
क्यों रोता है खेतों की तरफ देखकर
नेता लुभाएंगे मुआवजे की राशि फेंककर ।।
कब तक देंगे मुआवजे की राशि
दवा देते हैं ,जब जा चुकी हो खाँसी।।
ये खाँसी नहीं टी०वी०है,
हर आपदाओं की बीवी है
नेताओं को अहसास कराना है
क्या होता है किसान यह बताना है
इनको लगता है कुर्सी है हमारा शान
इनको बताना इनकी पहचान
तब याद आएगा क्या है किसान
यह कहेंगे किसान है आन बान शान
तब यह देंगे किसानों को सम्मान
फिर कहेंगे श्याम श्याम श्याम
है किसान तुझे मेरा प्रणाम?
तुझी से है सुबह तुझी से शाम
हे किसान तुझे मेरा प्रणाम।।।