हे कान्हा तुम फिर आना ।
हे कान्हा तुम फिर आना ।
वृन्दावन रास रचाना, हे कान्हा तुम फिर आना।
तुम कदम्ब डाल छिप जाना
और चुरा के माखन खाना
गोपियन को खूब छकाना
वंशी धुन मधुर बजाना
वृन्दावन रास रचाना हे कान्हा तुम फिर आना ।
संकट मोचन बन आना
कोविड निश्चर हन जाना
सब जग निर्भय कर जाना
तुम सोते भाग्य जगाना ।
वृन्दावन रास रचाना हे कान्हा तुम फिर आना ।
लीला धारी बन आना
तारन हारे बन जाना
तुम प्रेम संदेशा लाना
गीता सा ज्ञान सिखाना
वृन्दावन रास रचाना हे कान्हा तुम फिर आना
अनुराग दीक्षित ।