हे कवि!
हे कवि,
ऐसा लिख देना, जो किसी के काम आ जाये।
भटके हुए मानव की राह बन जाये।
हे कवि!
ऐसा सदगुरु बता देना, जो भव सागर तर जाये।
जो कभी विकट तूफानों से, कहीं हार न जाये।
हे कवि!
ऐसा राष्ट्र बनाना जिसमें सभी जन प्रेम से रहते हो।
मिल कर सभी जन दुख-सुख सहते हो।
हे कवि!
सभी को मानव जीवन का सार बताना।
भटक ना जाये राही, ऐसा मार्ग बनाना।