Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Aug 2022 · 1 min read

हे कवियों ____

हे कवियों _कलम उठाओ _
अपनी रचनाओं में कुछ ऐसी शब्दावली लाओ।
अतीत की महान परंपराएं__
नव युवा तरुण पीढ़ी को बताओ।।
तुम्हारी कलम में ताकत है_
परिवर्तन यही लाएगी।
संस्कार युक्त सृजन से,
अपनी कृतियों को सजाओ।।
तुम समाज के हो दर्पण _
अपना सब कुछ कर दो अर्पण,
राह जो भटक गए है,
सच्चा पथ उनको बतलाओ।।
राजेश व्यास अनुनय

Language: Hindi
1 Like · 100 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सौभाग्य मिले
सौभाग्य मिले
Pratibha Pandey
मंगल मय हो यह वसुंधरा
मंगल मय हो यह वसुंधरा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
पंछी
पंछी
sushil sarna
जंगल में सर्दी
जंगल में सर्दी
Kanchan Khanna
शिछा-दोष
शिछा-दोष
Bodhisatva kastooriya
.तेरी यादें समेट ली हमने
.तेरी यादें समेट ली हमने
Dr fauzia Naseem shad
देखने का नजरिया
देखने का नजरिया
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
2721.*पूर्णिका*
2721.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
★Dr.MS Swaminathan ★
★Dr.MS Swaminathan ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
काम पर जाती हुई स्त्रियाँ..
काम पर जाती हुई स्त्रियाँ..
Shweta Soni
छीना झपटी के इस युग में,अपना स्तर स्वयं निर्धारित करें और आत
छीना झपटी के इस युग में,अपना स्तर स्वयं निर्धारित करें और आत
विमला महरिया मौज
यह जो मेरी हालत है एक दिन सुधर जाएंगे
यह जो मेरी हालत है एक दिन सुधर जाएंगे
Ranjeet kumar patre
दिल का हर अरमां।
दिल का हर अरमां।
Taj Mohammad
युवा अंगार
युवा अंगार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तेरा वादा.
तेरा वादा.
Heera S
#शेर-
#शेर-
*प्रणय प्रभात*
वक्त को कौन बांध सका है
वक्त को कौन बांध सका है
Surinder blackpen
प्रेम एक्सप्रेस
प्रेम एक्सप्रेस
Rahul Singh
शहीद की अंतिम यात्रा
शहीद की अंतिम यात्रा
Nishant Kumar Mishra
चींटी रानी
चींटी रानी
Manu Vashistha
वो सांझ
वो सांझ
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
बाल कविता: मछली
बाल कविता: मछली
Rajesh Kumar Arjun
सद् गणतंत्र सु दिवस मनाएं
सद् गणतंत्र सु दिवस मनाएं
Pt. Brajesh Kumar Nayak
माँ तेरे आँचल तले...
माँ तेरे आँचल तले...
डॉ.सीमा अग्रवाल
बेलन टांग दे!
बेलन टांग दे!
Dr. Mahesh Kumawat
*पिता*...
*पिता*...
Harminder Kaur
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
10-भुलाकर जात-मज़हब आओ हम इंसान बन जाएँ
10-भुलाकर जात-मज़हब आओ हम इंसान बन जाएँ
Ajay Kumar Vimal
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ।
मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ।
Manisha Manjari
Loading...