!! हे उमां सुनो !!
हे उमां सुनो, हो भाग्यवती
प्रभुवर’वर’आज़ तुम्हारे हैं
गले में विषधर की माला
नीलकंठ बने पी विष प्याला
शशि माथे पर चमकें चम-चम
शिव मस्त मलंग निराले हैं
हे उमां सुनो……………….
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कर में बाजे डमरू डम-डम
जटा से, गंगा का उद्गम
ब्रह्मा, विष्णु,नर,यक्ष, मुनि
पावों तक पलक पसारे हैं
हे उमां सुनो………………
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क़मर लपेटे मृगछाला
भुजा में रूद्राक्ष की माला
“चुन्नू” गण,नंदी, संग लिए
बम-बम भोले जयकारे हैं
हे उमां सुनो……………….
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•••• कलमकार ••••
चुन्नू लाल गुप्ता – मऊ (उ.प्र.)