हे ईश्वर
हे ईश्वर
कहीं जिद पूरी
कहीं जरूरत अधूरी
कहीं सुगंध नही
कहीं जीवन कस्तूरी
हे ईश्वर
एहसासों के नहीं पांव
दिल तक पहुंचते
चोट कहीं भी
आंसू आंख से निकलते
हे ईश्वर
रोने की वजह न हो
न हंसने को बहाना
उम्रदराज न हों
न पंगु बनाना
हे ईश्वर
जिंदगी न रहे
रिश्ता रखना
साथ न रहे
यादें रखना
हे ईश्वर
हंसने की प्रेरणा हो
मुस्कान अपनी मिलाना
मुसीबत में याद करूं
साथ खडे होना
हे ईश्वर
थक जायें बैठा देना
किसी का सहारा नही देना
खुद और खुदा से बढ़कर
कुछ भी नहीं होना
हे ईश्वर
जो था अच्छा था
जो है बेहतर
आगे जो भी देना
बेहतरीन देना
हे ईश्वर
स्त्री संबंध देना
पारस समान देना
प्रेम ही बन जाये
छुये प्रेम मे पग जाये
हे ईश्वर
हर सुबह भाग्यशाली
हर दिन सुख-शांति
दुआओं से भरा
मंगलमय देना
@ अश्वनी कुमार जायसवाल