Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2021 · 1 min read

हे ईश्वर!!!!

अच्छा भला वापिस लौट रहा था कोरोना
पर, लापरवाही रही हम सबकी
फिर से कोरोना ने आंतक मचा दिया
किसी को रूला दिया,किसी को यूं ही सुला दिया
उम्मीदों के दीपक में ग़म का तेल डाल दिया
कैसे ज्योति जले खुशियां की??
अब हे ईश्वर! तु ही कोई उपाय सुझा,
भगवन तू ही सबको बचा!!!!
देखा नहीं जाता जो माहौल है अब बना
आंखें होती नम, मुख से निकलती दुआ,
कृपा कर कुछ चमत्कार तो दिखा
अपराधों को क्षमा कर,खुशियों का अब बाग खिला।
– सीमा गुप्ता, अलवर

Language: Hindi
2 Likes · 252 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उपदेशों ही मूर्खाणां प्रकोपेच न च शांतय्
उपदेशों ही मूर्खाणां प्रकोपेच न च शांतय्
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
खुशी देने से मिलती है खुशी और ग़म देने से ग़म,
खुशी देने से मिलती है खुशी और ग़म देने से ग़म,
Ajit Kumar "Karn"
नेताओं के पास कब ,
नेताओं के पास कब ,
sushil sarna
"विश्वास"
Dr. Kishan tandon kranti
प्यार है नही
प्यार है नही
SHAMA PARVEEN
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
संजय कुमार संजू
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
शरद पूर्णिमा
शरद पूर्णिमा
surenderpal vaidya
प्राण दंडक छंद
प्राण दंडक छंद
Sushila joshi
❤️मेरी मम्मा ने कहा...!
❤️मेरी मम्मा ने कहा...!
Vishal Prajapati
दीपक सरल के मुक्तक
दीपक सरल के मुक्तक
कवि दीपक बवेजा
रिश्ते
रिश्ते
Shashi Mahajan
Lambi khamoshiyo ke bad ,
Lambi khamoshiyo ke bad ,
Sakshi Tripathi
इंसान का कोई दोष नही जो भी दोष है उसकी सोच का है वो अपने मन
इंसान का कोई दोष नही जो भी दोष है उसकी सोच का है वो अपने मन
Rj Anand Prajapati
वादी ए भोपाल हूं
वादी ए भोपाल हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दिल की आवाज़
दिल की आवाज़
Dipak Kumar "Girja"
23/174.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/174.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Not a Choice, But a Struggle
Not a Choice, But a Struggle
पूर्वार्थ
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
माॅ॑ बहुत प्यारी बहुत मासूम होती है
माॅ॑ बहुत प्यारी बहुत मासूम होती है
VINOD CHAUHAN
इंसानियत
इंसानियत
Sunil Maheshwari
*लय में होता है निहित ,जीवन का सब सार (कुंडलिया)*
*लय में होता है निहित ,जीवन का सब सार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हिंदी दोहा-कालनेमि
हिंदी दोहा-कालनेमि
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
प्रेम छिपाये ना छिपे
प्रेम छिपाये ना छिपे
शेखर सिंह
प्रेम अपाहिज ठगा ठगा सा, कली भरोसे की कुम्हलाईं।
प्रेम अपाहिज ठगा ठगा सा, कली भरोसे की कुम्हलाईं।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
ईश्वर
ईश्वर
Shyam Sundar Subramanian
" कू कू "
Dr Meenu Poonia
क्या कहेंगे लोग
क्या कहेंगे लोग
Surinder blackpen
*कष्ट का सुफल*
*कष्ट का सुफल*
*प्रणय*
सुबह भी तुम, शाम भी तुम
सुबह भी तुम, शाम भी तुम
Writer_ermkumar
Loading...