हे ईश्वर! तू कहीं अगर है…
हे ईश्वर! तू कहीं अगर है,
कड़ी धूप में छाया देना।
धन-दौलत कुछ कम ही देना,
किंतु निरोगी काया देना।
हे ईश्वर! तू कहीं अगर है,
माता जैसी ममता देना।
ऊँच-नीच का भेद मिटाकर,
मनुज मनुज में समता देना।
हे ईश्वर! तू कहीं अगर है,
प्रेम भरा बस गागर देना।
बैर नहीं उपजे धरती पर,
शीतलता का सागर देना।
हे ईश्वर! तू कहीं अगर है,
जीवन को पावन कर देना।
कष्ट नहीं हो कभी किसी को,
सबको यह अक्षय वर देना।
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 26/06/2021