*हे!शारदे*
मां शारदे ज्ञानदायिनी हंसवाहिनी।
हे! शारदे तू तार दे।
जिसको चाहे देती ज्ञान,
तेरी महिमा है महान।
जो चरण कमलों में तेरे आए,
उसको ना धिक्कार दे
हे! शारदे तू तार दे।।१।।
तू चाहे सब कुछ कर दे।
वाणी में अमृत तू भर दे।
दूर सभी के अवगुण कर दे।
मीठा प्यार सभी में भर दे।
जो गाते हैं तेरी महिमा,
उनका सपना साकार दे।
हे! शारदे तू तार दे।
तेरे बिन नीरस है दुनिया।
तू नहीं तो है सब कमियां।
अंतः करण का अपने तू,
दुष्यन्त कुमार को सार दे।
हे! शारदे तू तार दे।।३।।