Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 May 2020 · 3 min read

हे!राजनीति, अहम त्वमेव शरणम गच्छामि

हे! राजनीति, अहम त्वमेव शरणम गच्छामि
#पण्डितपीकेतिवारी

हे! राजनीति तुझे शत-शत् नमन। तेरी कोई भाषा और परिभाषा भी है, यह मैं आज तक नहीं पढ़ पाया हूं। तेरे व्यक्तित्व की लावण्यता कितनी खूब सूरत है कि हर कोई तुझमें समाहित होना चाहता है। वह सदाचारी हो या दुराचारी, कर्तव्य पथ के प्रगतिवाद का समर्थक हो या चरित्रहीनता के पनामा नहर में डुबकी लगाने वाला, तू ऐसी गंगा है कि सब तुझमें समा पवित्र हो जाते हैं। कलयुग के सारे पाप धूल कर धवल हो उठते हैं।

सखे! तू रंगहीन, गंधहीन और स्वादहीन, अदृृश्य और अरुप होने के बाद भी जगत के सभी प्राणियों में विद्यमान है। तू ऐसी महामाया है जो अपनी लावण्यता के रुपपारा में सबको बांध लेती हो। बंधने वाला इस सृष्टि का चाहे योगी, यति, संयासी जो भी हो, सब तुझमें समाहित हैं। सावन हो या जेठ की तपती दोपहरी, तेरी हरियाली सदाबहार रहती है। समुंद्र मंथन से निकली तू ऐसी सोमरस है जिसे दैत्य हो या दानव सब पीना चाहते हैं। भारतखंड के आर्यावर्त के जम्बूद्वीप भूभाग में तू अद्भुत, अकल्पनीय, अवर्णनीय गाथा हो जो हर दिन एक नया इतिहास गढ़ती हो। तुझे किसी परिभाषा में नहीं बांधा जा सकता।

तुझमें लोग जितने गिरते हैं, उन्हें तू उतना ही सम्मान देती है। सत्ता और सरकार की चाबी तो तेरे पंचत्व हस्त की मुटिठका में कैद है। गठबंधन की सरकार में तो तेरे जलवे की दाद देनी होगी। सत्ता के घमंडिले पताके को तू जब चाहे जब अर्श पहुंचा दे और जब चाहे फर्श पर पटक दे। तेरे लिए नैतिकता, अनैतिकता, विधान, संविधान कोई मायने नहीं रखता। बस तेरे में जो समाहित हुआ, वह तेरा बन कर रह गया। त्रेतायुग में तेरी सत्ता सहोदरी ने कुटिल चालों में फंस प्रभु श्रीराम को भी वनवास दिलाया और देवी सीता को अग्नि परीक्षा के लिए बाध्य किया। द्वापर में सुई के अग्रभाग के जिनकी भूमि के लिए महाभारत रच डाला। पांडवों को अज्ञातवास में रहना पड़ा। द्रौपदी को कौरवों की सभा में चीरहरण से अपमानित होना पड़ा।

कलयुग में तो सबसे प्रभावशाली देवताओं में तुम्हारी गणना है। तुम्हारा यहां न कोई दोस्त है न दुश्मन। हे, सखे जो तुम्हारी शरण में आया, तूने सबका साथ दिया और सभी का सर्वांगीण विकास किया। सावन में तू ने कोई श्रृंगार नहीं किया है। हाथों में मेंहदी भी नहीं रचाई है। माथे पर बिंदिया और आंखों में काजल भी नहीं लगाया है। फिर भी तेरे नाम में अद्भुत शक्ति और लावण्यता समाहित है। फिल्म स्टार, क्रिकेट स्टार, संगीतकार, नौकरशाह और खिलाड़ी अपने क्षेत्र से अलविदा होने वाला हर व्यक्ति बुद्धम् शरणम् गच्छामि के बजाय राजनीति शरणम् आगताय होने को व्याकुल रहता है। बस कंधे पर एक अंगवस्त्र धारण करते ही उसकी नीतियां और विचार तेरे सिद्धांतों और शर्तों में ढल जाते हैं। ऐसे मानव श्रेष्ठों, लोकतंत्र के दमनकारियों का तू बेहिचक वरण कर उनकी श्रेष्ठता को सम्मानित करती है। जिसके लिए किसी प्रशिक्षण की जरुरत नहीं होती।

सत्ता के लिए दलबदल और पाला बदल तो तेरा जन्मसिद्ध अधिकार है। उसे लोग राजनीति का प्रगतिवाद मानते हैं। तू इतनी सर्वशक्तिमान है कि विधान और संविधान तेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाते। तू अपनी इच्छा के अनुसार देश, काल और वातारण के लिहाज से संविधान को गढ़ती या गढ़वाती है। तेरी नीतियों का जिसने अपमान किया, वह गर्त में चला गया। सत्ता के गलियारों में उसका सेंसेक्स धड़ाम हो गया। इसलिए भी क्योंकि तुम्हारी न कोई नीति है, नियति। तेरी इस तंदुरुस्ती का असली राज क्या है, आज तक कोई वैज्ञानिक और समाजशास्त्री समझ नहीं पाया। तू परिवर्तनशीला है, तुझमें और तुम्हारे अनुयायियों में स्थायित्व नहीं है, शायद यही सेहत का असली राज है।

तेरी महिमा इतनी है कि तू न दोस्त को दोस्त और न दुश्मन को दुश्मन रहने देती हो। वक्त आने पर सारे मिथक तोड़ देती हो, वह अपन का उप्र हो, कर्नाटक का नाटक हो या फिर गोवा पालायनवाद। तुझमें जगत की सारी राम और रासलीलाएं समाई हैं। तू तर्क और वितर्क से परे है। हे! कलयुग की श्रेष्ठ देवी, हम तुझे नमन करते हैं। उम्मीद करते हैं कि तेरी माया का विस्तार भारतखंड और आर्यावर्त के साथ जम्बू द्वीप की सीमाओं से परे सप्त द्विपों में विस्तारित होगा। ओम! राजनीताय नम:।

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Comment · 224 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चाहत
चाहत
Shyam Sundar Subramanian
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
औलाद
औलाद
Surinder blackpen
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
☄️ चयन प्रकिर्या ☄️
☄️ चयन प्रकिर्या ☄️
Dr Manju Saini
"तुम भी काश चले आते"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेम पथ का एक रोड़ा 🛣️🌵🌬️
प्रेम पथ का एक रोड़ा 🛣️🌵🌬️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
2853.*पूर्णिका*
2853.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#प्रणय_गीत:-
#प्रणय_गीत:-
*Author प्रणय प्रभात*
कबीर ज्ञान सार
कबीर ज्ञान सार
भूरचन्द जयपाल
तेरे गम का सफर
तेरे गम का सफर
Rajeev Dutta
*तू एक फूल-सा*
*तू एक फूल-सा*
Sunanda Chaudhary
कुत्ते की व्यथा
कुत्ते की व्यथा
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
Yashmehra
Yashmehra
Yash mehra
भैतिक सुखों का आनन्द लीजिए,
भैतिक सुखों का आनन्द लीजिए,
Satish Srijan
हाजीपुर
हाजीपुर
Hajipur
अस्तित्व की पहचान
अस्तित्व की पहचान
Kanchan Khanna
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
राम राम राम
राम राम राम
Satyaveer vaishnav
दुर्भाग्य का सामना
दुर्भाग्य का सामना
Paras Nath Jha
नववर्ष
नववर्ष
Mukesh Kumar Sonkar
तुम ही तुम हो
तुम ही तुम हो
मानक लाल मनु
सरिए से बनाई मोहक कलाकृतियां……..
सरिए से बनाई मोहक कलाकृतियां……..
Nasib Sabharwal
मतदान करो और देश गढ़ों!
मतदान करो और देश गढ़ों!
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
कभी जब नैन  मतवारे  किसी से चार होते हैं
कभी जब नैन मतवारे किसी से चार होते हैं
Dr Archana Gupta
हमने उनकी मुस्कुराहटों की खातिर
हमने उनकी मुस्कुराहटों की खातिर
Harminder Kaur
देश आज 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा,
देश आज 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा,
पूर्वार्थ
*रामपुर के पाँच पुराने कवि*
*रामपुर के पाँच पुराने कवि*
Ravi Prakash
****मतदान करो****
****मतदान करो****
Kavita Chouhan
Loading...