Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Mar 2022 · 1 min read

हृदय द्वंद्व

दोहा गजल

नित्य किया अपना क्षरण ,बना रहा संबुद्ध ।
फिर भी अंतर्मन कहीं ,होता रहता युद्ध ।।1

नदी हृदय की द्वंद्व से ,माँग रही थी शोध ।
जा न सकी तल तक कभी ,बाहर मति परिशुद्ध ।।2

नहीं कभी स्थापित हुआ ,अंतर् से संवाद ।
मैं से चिंतन मार्ग बस ,रहा निरंतर रुद्ध ।।3

बदल रहा था वस्त्र मैं ,मिला नहीं गुरु-ज्ञान ।
निशि रूपी निष्ठा लिए ,अंतर्मन में युद्ध।।4

धर्म युध्द कर लूँ बड़ा ,ढोकर अपशय नित्य ।
विजय दिलाएँ पार्थ जो ,बन जाऊँ मैं बुद्ध ।।5

भाव कर्म निष्काम रत ,बंध कटे संपूर्ण ।
आत्मोन्नति की राह पर ,हृदय न हो अब क्रुद्ध ।।6

सदा सकारात्मक रहूँ,अनुशासन हो पाठ ।
मान क्रोध को दूर कर ,जगत बनूँ मैं उद्ध ।।7

डा. सुनीता सिंह ‘सुधा ‘शोहरत
स्वरचित
वाराणसी
16/1/2022

Language: Hindi
316 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दिल का मौसम सादा है
दिल का मौसम सादा है
Shweta Soni
"दुखती रग.." हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
बधाई का गणित / मुसाफ़िर बैठा
बधाई का गणित / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
कलियुग की सीता
कलियुग की सीता
Sonam Puneet Dubey
मजदूर दिवस पर
मजदूर दिवस पर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
घड़ी
घड़ी
SHAMA PARVEEN
"चाँद को शिकायत" संकलित
Radhakishan R. Mundhra
वो मेरे बिन बताए सब सुन लेती
वो मेरे बिन बताए सब सुन लेती
Keshav kishor Kumar
*अहम ब्रह्मास्मि*
*अहम ब्रह्मास्मि*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
2907.*पूर्णिका*
2907.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मरीचिका
मरीचिका
लक्ष्मी सिंह
नारी कब होगी अत्याचारों से मुक्त?
नारी कब होगी अत्याचारों से मुक्त?
कवि रमेशराज
तुम्हें भूल नहीं सकता कभी
तुम्हें भूल नहीं सकता कभी
gurudeenverma198
वर्तमान
वर्तमान
Shyam Sundar Subramanian
ईश्वर
ईश्वर
Neeraj Agarwal
"जियो जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
मर्यादा, संघर्ष और ईमानदारी,
मर्यादा, संघर्ष और ईमानदारी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*सफल कौवा 【बाल कविता】*
*सफल कौवा 【बाल कविता】*
Ravi Prakash
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा🇮🇳
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
नारी तेरे रूप अनेक
नारी तेरे रूप अनेक
विजय कुमार अग्रवाल
मायूस ज़िंदगी
मायूस ज़िंदगी
Ram Babu Mandal
"बदलते भारत की तस्वीर"
पंकज कुमार कर्ण
चील .....
चील .....
sushil sarna
G27
G27
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हर पल ये जिंदगी भी कोई ख़ास नहीं होती।
हर पल ये जिंदगी भी कोई ख़ास नहीं होती।
Phool gufran
अगर मुझे तड़पाना,
अगर मुझे तड़पाना,
Dr. Man Mohan Krishna
जीव-जगत आधार...
जीव-जगत आधार...
डॉ.सीमा अग्रवाल
जिन्दगी के रोजमर्रे की रफ़्तार में हम इतने खो गए हैं की कभी
जिन्दगी के रोजमर्रे की रफ़्तार में हम इतने खो गए हैं की कभी
Sukoon
सुबह सुबह घरवालो कि बाते सुनकर लगता है ऐसे
सुबह सुबह घरवालो कि बाते सुनकर लगता है ऐसे
ruby kumari
मौहब्बत क्या है? क्या किसी को पाने की चाहत, या फिर पाकर उसे
मौहब्बत क्या है? क्या किसी को पाने की चाहत, या फिर पाकर उसे
पूर्वार्थ
Loading...