Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2022 · 1 min read

“ हृदयक गप्प ”

डॉ लक्ष्मण झा” परिमल ”
====================
हृदय सँ जुड़बाक अछि
त मैथिल सँ मैथिली बाजू
लिखबाक अछि त मैथिली
देवनागरी अथवा मिथिलाक्षर मे लिखू !!
हमरो नहि अबैत छल
कोना पढब ,कोना लिखब
उमरी 72 भ रहल
कंप्युटर मे हम केना लिखब !!
कखनहू हमहूँ छलहूँ गुरु
अपन बच्चा सब केँ
आब ओ बनलाह गुरु हमर
कंप्युटर सब केँ !!
किछु नहि मुश्किल
अछि एहि युग मे
निश्चय करबाक अछि
अपना मन मे !!
तथापि आग्रह अछि हमर
अंग्रेजीये मे अपन कमेन्ट करू
रोमन लिपि केँ ताधरि
मैथिली मे नहि प्रयोग करू !!
=====================
डॉ लक्ष्मण झा” परिमल ”
दुमका.
झारखंड
29.07.2022.

Language: Maithili
2 Likes · 2 Comments · 263 Views

You may also like these posts

शुद्ध हिंदी माध्यम से पढ़े एक विज्ञान के विद्यार्थी का प्रेमप
शुद्ध हिंदी माध्यम से पढ़े एक विज्ञान के विद्यार्थी का प्रेमप
पूर्वार्थ
आज की तरह तुम ना मिलो दोस्त में कोई भीखारी नहीं हूं ?
आज की तरह तुम ना मिलो दोस्त में कोई भीखारी नहीं हूं ?
Iamalpu9492
उल्फ़त .में अज़ब बात हुआ करती है ।
उल्फ़त .में अज़ब बात हुआ करती है ।
sushil sarna
राजस्थान
राजस्थान
Anil chobisa
वक्त नहीं
वक्त नहीं
Vandna Thakur
"बुलंद इरादों से लिखी जाती है दास्ताँ ,
Neeraj kumar Soni
हे मात भवानी...
हे मात भवानी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
#हा ! प्राणसखा . . . . . !
#हा ! प्राणसखा . . . . . !
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
"ये कैसा जमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
रहती जिनके सोच में, निंदा बदबूदार .
रहती जिनके सोच में, निंदा बदबूदार .
RAMESH SHARMA
हवा का ख़ौफ़
हवा का ख़ौफ़
Akash Agam
हिंदी दलित साहित्य में बिहार- झारखंड के कथाकारों की भूमिका// आनंद प्रवीण
हिंदी दलित साहित्य में बिहार- झारखंड के कथाकारों की भूमिका// आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
सत्य खोज लिया है जब
सत्य खोज लिया है जब
Buddha Prakash
नैतिकता का इतना
नैतिकता का इतना
Dr fauzia Naseem shad
दीपोत्सव
दीपोत्सव
Arvina
अकेलापन
अकेलापन
Rambali Mishra
अगले बरस जल्दी आना
अगले बरस जल्दी आना
Kavita Chouhan
जब हृदय में ..छटपटा- जाती.. कोई पीड़ा पुरानी...
जब हृदय में ..छटपटा- जाती.. कोई पीड़ा पुरानी...
Priya Maithil
अपमान
अपमान
seema sharma
आजकल का प्यार
आजकल का प्यार
Dr.sima
4427.*पूर्णिका*
4427.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
LEAVE
LEAVE
SURYA PRAKASH SHARMA
पतझड़ से बसंत तक
पतझड़ से बसंत तक
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मैं मासूम
मैं मासूम "परिंदा" हूँ..!!
पंकज परिंदा
..
..
*प्रणय*
नाथ मुझे अपनाइए,तुम ही प्राण आधार
नाथ मुझे अपनाइए,तुम ही प्राण आधार
कृष्णकांत गुर्जर
अंतस का तम मिट जाए
अंतस का तम मिट जाए
Shweta Soni
पापा गये कहाँ तुम ?
पापा गये कहाँ तुम ?
Surya Barman
#विषय उत्साह
#विषय उत्साह
Rajesh Kumar Kaurav
नववर्ष
नववर्ष
Mukesh Kumar Sonkar
Loading...