!! हुस्न !!
!! हुस्न !!
नया अल्फाज होता है !
हसीं अन्दाज होता है !
एक नई सुबह के साथ ,
नया आगाज होता है !!
कभी अन्जान होता है !
कभी अज्ञान होता है !
जो बहकाबे मे आता है ,
वो हुस्न नादान है !!
कभी अरमान होता है !
कहीं गुनगान होता है !
हुस्न को न्योता देने वाला ,
एक महमान होता है !!
कोई सबनम चुराता है !
कोई मरहम लगाता है !
हुस्न को अपना मानें जो ,
उसे हमदम बताता है !!
कभी अपमान होता है !
कहीं बलिदान होता है !
हुस्न का सौदा करने वाला ,
एक सैतान होता है !!
कभी बदनाम होता है !
कहीं गुमनाम होता है !
यहां बाजार मे देखा ,
हुस्न नीलाम होता है !!