हुस्न पर छा गया चंद्रिका का नशा
हुस्न पर छा गया चंद्रिका का नशा ,
इश्क पर छा गया भावना का नशा ।
होठ बेताब हैं सुर्ख महताब हैं ,
प्रेम पर छा गया कामना का नशा ।
प्रवीण कुमार श्रीवास्तव
सीतापुर ।
हुस्न पर छा गया चंद्रिका का नशा ,
इश्क पर छा गया भावना का नशा ।
होठ बेताब हैं सुर्ख महताब हैं ,
प्रेम पर छा गया कामना का नशा ।
प्रवीण कुमार श्रीवास्तव
सीतापुर ।