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2 Feb 2017 · 1 min read

हुस्न ए दौलत बेमिसाल

चार दिन का रूप तेरा,मुस्कुराना चाहिए l
हुस्न-ए-दौलत बे मिसाल,कुछ लुटाना चाहिएll

नैन-खंजर छोड़कर भी,प्यार से मिल लो गले l
दूर कल जो हम हुए,कुछ याद रहना चाहिए ll

संजय सिंह “सलिल”
प्रतापगढ़,उत्तर प्रदेशl

Language: Hindi
Tag: शेर
323 Views
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